जिसको है विश्वास प्रभु पर-21-Nov-2022

प्रतियोगिता

दिनांक 21.11.२०२२
विषय स्वैच्छिक
विधा गीत
शीर्षक  जिसको है विश्वास प्रभु पर

जिसको है विश्वास प्रभु पर, 
     वही पार लग जाएगा। 
वरना पा के पास किनारा, 
    पार नहीं लग पाएगा। 
1
पति ने पत्नी दांव पै रख के, 
   जिसको में जुआ हार दिया । 
दुष्ट दुराचारी दुर्योधन, 
    दुराचार व्यवहार किया। 
देखे  कौन हटाता साड़ी, 
   जब वह स्वयं बढ़ाएगा । 
2
मीरा भजे सदा नंदनंदन, 
  नटवर नागर नंदलाला। 
उसे मारने राणा भेजा,
घोर हलाहल विष प्याला। 
देखें कौन मारता जबकि,
   विष अमृत बन जाएगा । 
3
चारों ओर घोर थे दुश्मन ,
   दुश्मन जिसका बाप हुआ। 
आग में जिसको लेकर बैठी ,
   जिसको उसकी सगी बुआ। 
देखो आग जलाती कैसे,
    जब वह स्वयं बचायेगा। 
4
विमल विनोदी इस अवनि पर, 
    जब जब अत्याचार हुआ। 
देर अबेर भले ही होती, 
   पर निश्चय अवतार हुआ। 
जो अबतक आया भक्तों हित, 
    कलयुग में भी आयेगा। 

   24
5 Comments

बहुत ही उत्कृष्ट रचना

Reply

Pratikhya Priyadarshini

22-Nov-2022 12:26 AM

बहुत खूब 👌

Reply

बहुत खूबसूरत सृजन।

Reply